(स) ऑनलाइन शिक्षा : कितनी उपयोगी
(i) प्रस्तावना- भारत में हजारों वर्षों से शिष्यगण गुरुओं के सम्मुख उपस्थित होकर शिक्षा ग्रहण करते आ रहे हैं। शिक्षा की इस गुरु-शिष्य परंपरा और आश्रम शिक्षा शैली ने न केवल भारत को बल्कि विश्व के अनेक देशों में महान विद्वानों, वैज्ञानिकों, उद्यमियों, राजनीतिज्ञों और धर्माचार्यों को जन्म दिया है। आज भी माता-पिता और छात्र कक्षा में शिक्षक महोदय के सम्मुख बैठकर शिक्षा ग्रहण करने में अधिक विश्वास रखते हैं।
(ii) ऑन लाइन शिक्षा- अभी भी भारत और विश्व के अनेक देश कोरोना महामारी के भीषण प्रहार को भूल नहीं पाए हैं। यह राष्ट्रीय आपात काल था। सारे देश में लाकडाउन के कारण शिक्षण संस्थाएँ बंद होती चली गई थीं। ऐसे समय में ऑनलाइन शिक्षा-प्रणाली ने छात्रों की सुरक्षा करने में भारी योगदान किया था। आज इंटरनेट के माध्यम से ऑनलाइन शिक्षा से जुड़े हुए छात्र काफी खुश और संतुष्ट नजर आ रहे हैं। इस शिक्षण प्रणाली द्वारा छात्र कक्षा में बैठकर पढ़ने के बजाय, इंटरनेट के माध्यम से घर बैठे पढ़ाई कर सकते हैं, इस शिक्षा पद्धति में एक कम्प्यूटर, लैपटॉप अथवा स्मार्टफोन होना आवश्यक होता है।
(iii) ज्ञानार्जन एक नवीन माध्यम - इस माध्यम से छात्र, दुनिया के किसी भी कोने में बैठकर अपने शिक्षक से उत्तम शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं। इस तकनीक में शिक्षक अपने लैपटॉप में स्थित स्काइप, जूम, गूगल क्लासरूम आदि अनेक एपों के जरिए अपने छात्रों से जुड़ सकते हैं। अनेक कम्पनियों द्वारा ऑनलाइन शिक्षा के लिए विशेष लर्निंग एप भी बनाए गए है। इस प्रकार ऑनलाइन, शिक्षा छात्रों और अध्यापकों के बीच ज्ञानार्जन के एक विश्वसनीय सेतु का काम करती है। ऑनलाइन शिक्षा, शिक्षा का एक सर्वथा नवीन माध्यम है।
(iv) ऑन लाइन शिक्षा से लाभ- शिक्षा या ज्ञान प्राप्त करना हर व्यक्ति का एक मूलभूत अधिकार है। देश का हर नागरिक उत्तम से उत्तम शिक्षा प्राप्त करने का अधिकारी है। शिक्षा सदा से मनुष्य के भावनात्मक, वैचारिक तथा आर्थिक आदि स्तरों के विकास का साधन रही है। व्यक्ति के भविष्य को सुरक्षित बनाने, उसे समाज में उचित स्थान प्राप्त कराने में हमेशा से सहभागिनी रही है। ऑनलाइन शिक्षा ने इन सभी मानवीय आवश्यकताओं की आपूर्ति में प्रशंसनीय भूमिका निभाई है। इस प्रणाली से प्राप्त होने वाले लाभों को आज हम भली-भाँति देख रहे हैं।
ये लाभ संक्षेप में इस प्रकार हैं-
- ऑन लाइन शिक्षा घर बैठे-बैठे प्राप्त की जा सकती है।
- देश और विदेशों की शिक्षण संस्थाओं से शिक्षण प्राप्त किया जा सकता है।
- समय और धन की काफी बचत इस प्रणाली से होती है।
- इस प्रणाली द्वारा दिए जाने वाले शिक्षण कार्यक्रम की रिकॉर्डिंग भी की जा सकती है। जो भविष्य में कभी भी संदर्भ के रूप में प्राप्त हो सकती है।
- ऑनलाइन शिक्षा के माध्यम से छात्र घर बैठे ही अपनी किसी शिक्षा संबंधी समस्या को सुलझा सकते हैं।
- अब तो प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी भी ऑनलाइन, क्लासेज के माध्यम से की जा सकती है।
- गूगल सर्च, वीडियो, चित्र, एनीमेटेड चित्र तथा गूगल मैप्स आदि के प्रयोग से इस प्रणाली को काफी रोचक बनाया जा सकता है।
- कुकिंग, सिलाई, कढ़ाई, पेटिंग आदि क्रियात्मक विषयों की भी ऑनलाइन पढ़ाई अब संभव है।
- छात्र अनेक आयोजनों, उत्सवों, यात्राओं तथा पर्यटन स्थलों एवं प्रसिद्ध मंदिरों तथा तीर्थों के बारे में घर बैठे ही जान सकते हैं अथवा ज्ञानवर्धन कर सकते हैं।
- आज केवल डिग्रीधारी नहीं बल्कि अपनी जॉब में कुशल कर्मियों को वरीयता दी जा रही है। अतः ऑनलाइन शिक्षा द्वारा अपनी कार्यकुशलता और दक्षता बढ़ाकर छात्र अपने भविष्य को उज्ज्वल बना सकते हैं।
(v) उपसंहार- किसी को यह पता नहीं कि कोरोना महामारी कब खत्म होगी या इसके साथ ही जीवन बिताना सीखना होगा। अतः हर छात्र-छात्रा को ऑनलाइन प्रशिक्षण में दक्षता प्राप्त करना आवश्यक हो गया है। हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ऑनलाइन व्यवहार के महत्व को निरंतर समझाते और उसके लिए प्रेरित करते रहते हैं।