इस कविता से यह संन्देश दिया गया है कि हमें अपने देश को स्वर्ग के समान सुख से भरपूर बनाना चाहिए। अपने देश का समाज आदर्श बनाना चाहिए, जिसमें आपस में भाईचारा हो, जाति-पाँति और ऊँचनीच का भेदभाव न हो। सभी को समान रूप से उन्नति करने का मौका मिले। सब लोग परिश्रमी हों, सब आपस में सहयोग करें और सब अपने देश से प्रेम करें तथा सब इसकी वन्दना करें। हमें नये भविष्य को लक्ष्य में रखकर नया समाज बनाना चाहिए।